Комментарии:
Up police की अभी बहुत ही लापरवाही है
ОтветитьKoi bjp ka ho yogi ji phir to samajwadi mein kiya buri h
ОтветитьSir ayodhya me bhi coching start kareye
Ответитьदूसरे पक्ष का भी सुन लेते तब रिपोर्टिंग करने का फैसला करते क्या पता आपसी विवाद हो जिसे रंगदारी का रूप दिया जा रहा है । जो वीडियो में दिख रहे है वो गुंडे नही इलाहाबाद विश्विद्यालय के छात्र नेता हैं किसी गरीब असहाय छात्र की मदद करने गए हो ।
Ответитьढोंगी बाबा ने ही गुंडे भेजे थे😢
ОтветитьYe Baba ke hi log the vasooli karne aaye the aur ye Baba hi in mafiaao kaa sarganaa hai..
ОтветитьInsaaf aur up me
Mujhe to umeed nahi hai.
ये लोग शेर की खाल मे bhediya है, जो निर्दोस् है?
ОтветитьYe master to gya ab 😂😂😂
ОтветитьKya yoji ji aap ka yhe hai kanoon ka raj aap ka buldozer kidhar gye sabse corrupted party' BJP party 😂😂😂😂
ОтветитьBhogi ji😂😂😂
ОтветитьGundo par koi action nahin hogha.ulta coaching ka registration, coaching permission check hogha.
Ответитьये आंतकवादी पाकिस्तानी तो नहीं?
ОтветитьShameful deed
ОтветитьNow extortion money will rise from 1 crore to 2 crore. Pure filmy style mafia. No mafia can operate successfully without the support of local politicians and the police department.
Ответитьइलेक्ट्रोल बांड बंद हो गया, इसीलिए योगी जी रंगदारी के लिए अपने नेताओं कार्यकर्ताओ को भेज रहे हैँ 😡
ОтветитьGunda mawali raaj yani bjp raaj
ОтветитьBjp ka naam toh bahaut jaldi likh diya tune musalman ke naam ki jagah juice shop ka naam likhta hai
ОтветитьAb kya kha jaye UP Government...
ОтветитьI support you Sir ❤
Ответить20-30 log rangdari mangte hai kya...chutiya bana rahe ho beta.....matter kuch aur hai
ОтветитьGuruji rajneeti mei ana chate hai
Ответитьकुछ नहीं होगा क्योंकि अपराधी बीजेपी पार्टी के है
दूसरी बात अपराधी स्वर्ण समाज के हैं
सबको पता है सत्ता का संरक्षण मिल रहा है
अंधेर नगरी चौपट राजा योगी बाबा 😅
ОтветитьIa this the Yogi model???
ОтветитьAb enkonter.hoga.ki.nahi
Ответитьइससे बुरा हाल व्यापारियों का है बस उनमें दम नही आवाज उठाने का ये भी डरकर अगर आवाज न उठाते तो किसी को पता नही चलता ऐसे अनगिनत केस हो रहे
Ответить❤ raksha kro bhagwan
Ответитьसब सपा से जुड़े है ।
उसमे पहला फला यादव है,दूसरा मुस्लिम
तीसरे,चौथे की पहचान चल रही ।इनकी रेल बनेगी।
- cm up ,अजय सिंह जी .
पिछले दिनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के छात्रनेताओं से जुड़ा रंगदारी का मामला आप सबके प्रकाश में आया होगा, जिसकी जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि यह मुक़दमा पूरी तरह से झूठा है क्योकि exampur नामक संस्थान से कोई मामला ही नहीं था, उपरोक्त के विषय पे CPDA (कैडेट पॉइंट डिफेंस एकेडमी) संस्था का संचालक जितेन्द्र शर्मा ने छात्रो के एडमिशन का पैसा ले कर अपनी संस्थान को बन्द कर के तथाकथिक exampur संस्थान में अपना विलय कर लिया जिस स्थिति में छात्रो की शिकायत करने पर छात्रनेता की ज़िम्मेदारी निभाने हेतु राहुल परिहार सर पहुँचें थे तब जित्नेद्र शर्मा के उन छात्रनेताओं के सिपारिस पर पीड़ित छात्र को पैसा वापस करने से मना करते हुए फर्जी मुक़दमों में फँसाने का धमकी देने लगा जिस पर छात्रनेता द्वारा विनम्रता पूर्वक आग्रह किया गया तो जितेंद्र शर्मा द्वारा exampur के मालिक को आगे करते हुए फर्जी मुक़दमा दर्ज कराया गया !
exampur के मालिक विवेक कुमार द्वारा दिये गये वीडियो में स्थानीय पुलिस भी दिख रही अर्थात पुलिस के मौजूदगी में कोई कैसे रंगदारी माँग सकता मतलब कि यह प्रकरण पूर्ण रूप से कोचिंग मालिक एवं प्रबंधन के द्वारा पूर्वनियोजित थी जिसमे छात्रो कि हित में कार्यरत छात्रनेता को फर्जी मुक़दमा में अपराधी दिखाया जा रहा.
उपरोक्त विषय की निष्पक्षता से जाँच की जाये जिससे सब कुछ स्पष्ट जनता के सामने आये !
शुक्ला , सिंह, त्रिपाठी ये लोग देश को अपने बाप की बपौती समझते है क्या ? राजस्थान में आओ पता चल जायेगा।।क्या करेंगे ,बाप दादाओं ने तो 3000 सालो से भीख मांगकर खाया था। ओलादो में यह जींस तो जायेगा ही।।
ОтветитьYe hai gunda mukt pradesh
Ответитьविवेक भैया बॉस है
ОтветитьNam badal do ho jaega incounter....😂
ОтветитьYogi raj hai .... madar...do bhakto inko bachao.....
ОтветитьVivek bahut nautankibaj hai iske record dekho piche ka
Ответитьतुमसे गिरा हुआ इन्सान मैंने आज तक नहीं देखा विवेक,,तुम खुद 420 आदमी हो,जिनको ना पता हो अंधभक्त न बने इसके बारे में पता करें, दिल्ली से छात्रों को लूट कर भागा है।इसने सीसीटीवी फुटेज पूरा दिखाया ही नहीं है,और मीडिया तो वैश्या हो गई है।
Ответитьप्रयागराज में एग्जामपुर कोचिंग रंगदारी मामले की सच्चाई ...
पिछले 10 सितंबर को कुछ छात्र नेता एक अत्यंत गरीब छात्र शिवानंद सिंह का पैसा वापस कराने गए थे जो किसी गंभीर बीमारी की वज़ह से कोचिंग में एडमिशन लेने के बाद कोचिंग नही जा सकता था । शिवानंद को बार बार चक्कर आ जाता था और वह बेहोश हो कर गिर जाता था इसलिए उसने अपना एडमिशन कैंसल कराके अपना पैसा कोचिंग संचालक जितेंद्र शर्मा से वापस मांग रहा था लेकिन जीतेन्द्र शर्मा आजकल का बहाना बनाकर उसे बेवकूफ बनाते रहे और कैडेट्स पॉइंट्स डिफेंस अकेडमी छोड़कर एग्जामपुर कोचिंग का संचालक बन गए... शिवांनंद यहाँ भी अपने पैसे मागने जितेंन्द्र शर्मा से मांगने आया तो उसने गाली देते हुआ भगा दिया और कहा कि बाद में दूंगा । चुंकि शिवानंद के घर की आर्थिक स्थिती अत्यंत दयनीय हैं उसे इलाज के लिए पैसो की सख्त आवश्यकता थी । अपने पैसे वापस ना मिलने की स्थिती में उसने कुछ छात्र नेताओं को अपनी सारी परेशानी बताई और इलाज के लिए पैसे मांगे बस उसी पैसे को दिलवाने ये छात्र नेता एग्जामपुर कोचिंग के संचालक 4 सितम्बर को जितेंद्र से बात करते हैं जितेंन्द्र इन्हे 10 तारीख को मिलने को कहता हैं जब यह छात्र नेता अपने दो दिन साथियों के साथ कोचिंग सेंटर पर पंहुचते हैं तो वहाँ पर पहले योजनाबद्ध तरीके से ये छात्र नेताओं को ललकार उत्तेजित करते हैं और गहमागहमी में छात्र नेताओं ने यूनिवर्सिटी वाले तेवर में बात करना शुरू ही किया तब तक विवेक कुमार ने 112 पर कॉल करके पुलिस को बुला लिया बातचीत चल ही रही थी कि थाने की फ़ोर्स आ गई और दरोगा जी ने दोनों पक्षो को समझाने बुझाने का प्रयास किया और छात्र नेताओं पर थोड़ी सख़्ती दिखाते हुए डांट फटकार लगाकर भगा दिया.. छात्र नेता अपने साथियों के साथ वापस आ गए... ये सारी घटना सीसीटीवी में कैद हैं लेकिन कोचिंग संचालक विवेक कुमार ( कैकेयी ) और जितेंन्द्र शर्मा (मंथरा )ने केवल उन्ही क्लिपो को सोशल मिडिया वायरल कर विधवा विलाप करते हुए फीस वापसी के मामले को रंगदारी का मामला बताते हुए सोशल मिडिया के पैड हैंडलरों और पैड मिडिया चैनलों ने बवाल काट दिया जैसे पाकिस्तान से कोई आतंकवादी घुस आया हो हिंदुस्तान में... इन पैड मिडिया चैनलों ने ना तो सीसीटीवी के पुरे पार्ट को दिखाया ना ही सीसीटीवी में दिख रहे सच्चाई को तलाशा बस वो दाम के मुताबिक झूंठ को परोसते रहे...
सीसीटीवी की काट काट कर वायरल क्लिप को भी सच मान ले तो आखिर कौन से सिसिटीवी फुटेज में इन छात्रों के हाथ में ऐसा हथियार दिखा जिसके बल पर इन छात्र नेताओं ने विवेक कुमार (कैकेयी) और जीतेन्द्र शर्मा (मंथरा) के बाउंसरो को 40 मिनट तक बंधक बनाये रखा । जब तुम्हे बंधक ही बना दिया होता तो तुम पुलिस को कॉल कैसे कर पाते । कोई रंगबाजी मांगने आता तो तुमको पुलिस को कॉल करने का मौका देता..? आप ही बताओ पैड मिडिया वालों कोई एक करोड़ की रंगबाजी कोई खाली हाथ माँगने आता हैं क्या ? उनके हाथ में कुछ तो हथियार दिखना चाहिए जैसे कट्टा पिस्टल चाकू बम... अगर कोई हथियार था तो मौके पर पंहुची पुलिस बल ने वो हथियार बरामद क्यों नही किया अगर घटना विवेक कुमार ( कैकेयी ) के ट्वीट और मिडिया बयानो के अनुसार इतना ही इतना ही ख़तरनाक था तो पुलिस वालों ने इन तथाकथित गुंडों रंगबाजों को जाने क्यों दिया..? ट्वीट कुमार के ट्विटर पोस्ट और सीसीटीवी के पुरे फुटेज को देखा जाय और उनका सही आकलन किया जाय तो आपको सारी सच्चाई समझ में आ जाएगी... लेकिन पैड मिडिया चैनलों ने उन छात्र नेताओं के पक्ष को सुने बिना विवेक कुमार ( कैकेयी ) के परोसे हुए झूठ को फैलाते हुए छात्रों को पब्लिक में विलेन बना दिया..? इन पैड मिडिया के चैनलों ने पुलिस से एक बार भी सवाल नही किया कि... उस पेट्रोल की कैन की रिकवरी क्यों नही हुई जिससे तथाकथित गुंडे कोचिंग संस्थान फुकने जा रहे थे ? सीसीटीवी को पचासो बार देखने के बाद भी माचिस की तीली लाइटर बीड़ी सिगरेट कट्टा पिस्टल चाक़ू बम आखिर कुछ तो नही दिख रहा हैं छात्रों के हाथ में... आखिर कौन से ऐसे हथियार थे जिसे देखकर विवेक कुमार (कैकेयी) इतनी दहशत में आ गई थी...? मौके पर मौजूद पुलिस बल ने आरोपियों को जाने क्यों दिया..? ये बहुत सारे सवाल थे जो मिडिया चैनलों को मौके पर पंहुँचे हुए पुलिस बल और विवेक कुमार से पूछना चाहिए था... लेकिन इन पैड मिडिया चैनलों ने सिर्फ और सिर्फ एक पक्षीय न्यूज दिखाया.. और विवेक कुमार (कोचिंग माफिया) को जबरजस्ती पीड़ित दिखाया...
यहाँ तक कि साथ में गए लोग इन छात्र नेताओं को ही समझा रहे थे लेकिन कुछ कन्फूजन की वजह से ये समझ में ही नही आया कि मामला क्या हैं..? अगर 2 -4 लोगों ने पैसे वापसी के लिए दबाव ही बनाया तो इसमें गलत क्या था..? बात छोटी सी थी लेकिन विवेक कुमार के घड़ियाली आँशु और नाटकीय अभिनय ने तिल का ताड़ बना दिया... आखिर ये सब क्यों एक छोटे से मामले को लेकर इतना बवाल क्यों .? आइये बताते हैं इसके पीछे की सच्चाई.. विवेक कुमार जो दिल्ली में एग्जामपुर कोचिंग चलाता था कुछ दिन दिल्ली में छात्रों को झाँसा देकर कोचिंग चलाई लेकिन वहाँ सब इसकी झांसेबाजी समझ गए और इसकी कोचिंग बंद होने की कगार पर आ गई तो इसने उत्तर प्रदेश की सरकार पर संगीन आरोप लगाने शुरू किया.. पेपर लिक जैसे कुछ प्रकरण इसके लिए हथियार साबित हुए इसने सोशल मिडिया के माध्यम से इस मुद्दे को खूब भुनाया और छात्रों में लोकप्रिय हो गया और लीडर भी बन गया और चंदा वसूली करके दरोगा भर्ती का केस भी लड़ा लेकिन चंदा का सारा पैसा खुद खाकर वकीलों को नाममात्र का पैसा दिया जिससे पैरवी सही ढंग से नही पाई इलाहबाद के बाद 2021 के दरोगा भर्ती के लोग इस बात को जानते हैं... चंदाचोरी से इसका जी नही भरा तो इसने नये हथकंडे अपनाये और पढ़ाने से ज्यादा सोशल मिडिया पर ट्वीटबाजी करने लगा... लेकिन यह सब भी ज्यादा सफल नही रहा... इसलिए इसने वहाँ से फाइनेंसीयल फ्राड करके दिल्ली से इलाहाबाद सिफ्ट हो गया... और इलाहाबाद में तो इसे मोटी कमाई करना था इसने प्रचार के लिए अखबारों में खूब पर्चे बंटवाएँ लेकिन कोचिंग चल नही रही थी क्योंकि इलाहाबाद में इस कूड़े के पास कौन जाता यहाँ तो ऑलरेडी बहुत सी अच्छी अच्छी कोचिंगे थी फिर इसको अपने कोचिंग में एडमिशन कैसे मिलता... सौभाग्यवश छात्र नेताओं ने इसे अपने कोचिंग के प्रचार के लिए सबसे सस्ता तरीका दे दिया इसने मंथरा के साथ मिलकर छात्रों को फ़साने का प्लान बनाया और छात्र नेताओं के आक्रामक रवैये को अपने लिए इस्तेमाल करते हुए पुलिस के साथ मिली भगत करके उन्हें संगीन धाराओं में फंसा दिया... चुंकि यह शिक्षक नही व्यवसाई और पार्टी विशेष का एजेंट हैं इसलिये आये दिन पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग जैसे संस्थानों पर बेबुनियाद आरोप लगाकर मौजूदा सरकार को घेरने की कोशिश करता रहता हैं और सरकार के प्रति छात्रों के मन में आक्रोश भरता रहता हैं इसके उकसावे में कई मासूम छात्रों पर एफआईआर भी पंजीकृत हो चूका हैं.... इसलिये इसकी सच्चाई जाननी जरुरी हैं.... आखिर प्रयागराज में एक से बढ़ एक धुरंधर कोचिंगे हैं उनके साथ कभी इस तरह की घटना क्यों नही हुई... दृष्टि आईएस बाजीराव आईएस ध्येय आईएस ना जाने कितनी ख्याति प्राप्त कोचिंग संस्थाएं हैं शहर में.... उनके साथ तो कभी ये घटना ना हुई....? विकास दिव्यकीर्ति सर मणिकांत सर.. राजेश मिश्रा सर कुमार गौरव जैसे दिग्गज टीचरों के साथ किसी ने कोई रंगदारी नही मांगी तुम जैसे ठग से कौन एक करोड़ मांगेगा ... इन मासूम छात्रों को तो ये भी नही पता कि एक करोड़ में कितने शून्य होते हैं... आखिर तुम अपने कोचिंग के प्रचार प्रसार के लिए इस तरह की घटिया हरकत करके सफल हो जाओगे ऐसा सोच कैसे लिया तुमने....? तुम जैसे टुच्चे टीचर से ज्यादा बेहतर ज्ञान तो इलाहाबाद के चाय के दुकानोंदारो के पास होती हैं..... तुम बस मौसमी लुटेरे हो जो छात्रों को भावनाओं को भड़का कर उन्हें आकर्षित कर उन्हें लूटते हो... तुम्हारा पढ़ाया लड़का सिक्योरिटी गार्ड की भी नौकरी नही पायेगा... विवेक कुमार तुम कभी यूनिवर्सिटी और हॉस्टलो में रहे होते तो प्रयागराज में सीनियर और जूनियर के रिलेशन को समझते...इलाहाबाद की यह परम्परा रही हैं सीनियर हमेशा जूनियर की मदद के लिए आगे रहते हैं... बस इसी परम्परा को निभाने ये लोग फीस वापसी कराने गए थे... शिवानंद का आईडी कार्ड फीस रशीद.. चेक शिवानंद के परिजनों के द्वारा पुलिस को दिया गया एप्लीकेशन सब अब सब वायरल होगा जो तुम्हारे झूठ का सच बाहर लाएगा... तुम्हारे महिलाओ वाले त्रिया चरित्र वाला गुण भी बाहर आएगा... ये इलाहाबाद हैं ये कुछ भी नही भूलता.... वक्त का इंतजार करो तुम्हे जल्द ही उसी सोशल मिडिया पर नंगा किया जाएगा जहाँ तुम हीरो बने हो.... राहुल परिहार बादल सिंह सौरव तिवारी मेरे रिश्तेदार नही हैं लेकिन प्रयागराज का छात्र होने के नाते इन छात्र नेताओं के साथ मैं खड़ा हुँ.....
ОтветитьStudent ki fees vapsi ka mamla h.....
Ответитьसब फर्जी बातें है। 🙏
ОтветитьYe वहीं log honge jo सरकारी नौकरि विरोधी hai jo nhi chahte स्टूडेंट्स padh likh k नौकरियां मांगे.....😊
ОтветитьVivek pura jhuth bol rha hai, students k paisa refund nhi mila par students union k ladka aaya th paisa mnge
ОтветитьAgar Vivek Kumar sach bol rhe the toh twitter se apna post delete ni karte, students k paisa wapas k cheque bounce ho isly o log paisa mangne aaye the
ОтветитьBjp wale yahi karte h,kyuki ye vivekkumar h abhi koi dogalon ke cast wala hota to ab tak bahot kuch ho jata
ОтветитьVivek sir ko न्याय di jaye
Ответитьझूठ है ये बात…....फीस वापसी का मामला बताया जा रहा है ये
Ответитьविवेक सर को न्याय मिलना चाहिए क्योंकि इनके बिना कई बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा 😢😢😢😢😢😢
Ответить