समय की धारा में, उमर बह जानी है,जो घड़ी जी लेंगे,वही रह जानी है [रोटी कपड़ा और मकान 1974 ]

समय की धारा में, उमर बह जानी है,जो घड़ी जी लेंगे,वही रह जानी है [रोटी कपड़ा और मकान 1974 ]

BIOSCOPE DARSHAN

9 месяцев назад

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