Are Man Dhiraj Kahe Na Dhare by Pandit Rajan Sajan Mishra

Are Man Dhiraj Kahe Na Dhare by Pandit Rajan Sajan Mishra

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11 лет назад

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Комментарии:

@shrinivasmahabal7440
@shrinivasmahabal7440 - 05.12.2017 14:49

Shant. Sunder avaj

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@patelswapneel3449
@patelswapneel3449 - 05.08.2018 14:15

Pls send lyrics

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@आर्यमयंक
@आर्यमयंक - 29.11.2019 05:58

🙏🙏👌👌

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@soumyabiswas8674
@soumyabiswas8674 - 07.03.2020 15:09

Based on raag Des. speechless and got mesmerised.bow down at the feet of the great maestros

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@durgatamang5361
@durgatamang5361 - 23.03.2020 17:56

Rey man dhiraj kyu nha dharey🙏🙏

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@akshayjindal1214
@akshayjindal1214 - 07.06.2020 19:39

Great !
Rare melody for rare audience ...

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@bandanachakraborty1827
@bandanachakraborty1827 - 15.06.2020 05:59

Bahut sundor 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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@ajaypalsingh2166
@ajaypalsingh2166 - 10.07.2020 05:02

Ati uttam.....

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@gsingh386
@gsingh386 - 15.02.2021 02:55

Wah, Thanks for uploading this.

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@DevendraGuptaProfile
@DevendraGuptaProfile - 08.04.2021 08:09

Aapke charan dhoke peene ki chahat ho rahi hai. My eyes are full of tears...

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@manishabardoloi2205
@manishabardoloi2205 - 13.04.2021 19:19

Ahh,,, Sublime!!!..🙏

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@singhalankar428
@singhalankar428 - 26.12.2021 18:11

My favorite and my Guru Jee
Pt.Rajan ji is still alive in my heart 🙏🌅

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@v.bhushansharma591
@v.bhushansharma591 - 20.02.2022 19:37

Soulful rendition 🙏🦚

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@ManjuSharma-ef3sg
@ManjuSharma-ef3sg - 06.06.2022 21:02

Ye Bhajan atma tak touch karta he,🙏

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@renudasi2534
@renudasi2534 - 13.10.2022 10:23

श्रीमद्भगवत गीता के अध्याय 9 का श्लोक 25 भी यही कहता है कि जो पितर पूजा (श्राद्ध आदि) करते हैं, वे मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाते, वे यमलोक में पितरों को प्राप्त होते हैं। जो भूत पूजा (अस्थियाँ उठाकर पुरोहित द्वारा पूजा कराकर गंगा में बहाना, तेरहवीं, सतरहवीं, महीना, छमाही, बरसी आदि-आदि) करते हैं, वे प्रेत बनकर गया स्थान पर प्रेत शिला पर बैठे होते हैं।

♦️परमात्मा कबीर जी समझाते हैं कि हे भोले प्राणी! गरूड़ पुराण का पाठ उसे मृत्यु से पहले सुनाना चाहिए था ताकि वह परमात्मा के विधान को समझकर पाप कर्मों से बचता। पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर अपना मोक्ष करता। जिस कारण से वह न प्रेत बनता, न पितर बनता, न पशु-पक्षी आदि-आदि के शरीरों में
कष्ट उठाता। मृत्यु के पश्चात् गरूड़ पुराण के पाठ का कोई लाभ नहीं मिलता।

♦️सूक्ष्मवेद (तत्वज्ञान) में तथा चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथवर्वेद) तथा इन चारों वेदों के सारांश गीता में स्पष्ट किया है कि आन-उपासना नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये शास्त्रों में वर्णित न होने से मनमाना आचरण है जो गीता अध्याय 16 श्लोक 23.24 में व्यर्थ बताया है। शास्त्रोक्त साधना करने का आदेश दिया है। सर्व हिन्दू समाज उपरोक्त आन-उपासना करते हैं जिससे भक्ति की सफलता नहीं होती। जिस कारण से नरकगामी होते हैं तथा प्रेत-पितर, पशु-पक्षी आदि के शरीरों में महाकष्ट उठाते हैं।

♦️श्राद्धों में गुरू जी भोजन बनाकर सवर्प्रथम कुछ भोजन छत पर रखता है। कौआ उस भोजन को खाता है। पुरोहित जी कहता है कि देख! तेरा पिता कौआ बनकर भोजन खा रहा है। कौए के भोग लगाने से श्राद्ध की सफलता बताते हैं।

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@renudasi2534
@renudasi2534 - 13.10.2022 10:23

Kabir is supreme god

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@kantisharma9656
@kantisharma9656 - 23.11.2023 17:25

Waah kya gaya pandit ji abhibhut ho Gaya waah raag desh ka kya kahna hai koti koti naman aapko

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@आर्यमयंक
@आर्यमयंक - 02.03.2024 19:25

❤❤❤🙏

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